शरीर निरोग रखने में कितना कारगर आर्गेनिक फूड

शरीर निरोग रखने में कितना कारगर आर्गेनिक फूड

आजकल अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में आर्गेनिक फूड या कहें जैविक भोजन काफी लोकप्रिय हो रहा है। हर कोई इसके फायदों के बारे में जानना चाहता है। पिछले कुछ सालों में इसकी मांग में खासी तेजी आई है। मगर कई दावे लोगों को भ्रम में डाल देते हैं। क्या वाकई आर्गेनिक फूड आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत को बेहतर बनाते हैं। क्या जीएमओ और कीटनाशक कैंसर और बाकी बीमारियों की वजह हो सकते हैं? हम आपको बता रहे हैं कि आप बेहतर चुनाव कैसे करें और किन चीजों पर ध्यान दें। सबसे बड़ी बात आर्गेनिक खाद्य उत्‍पाद आसानी से कैसे हासिल करें।

आखिर आर्गेनिक खाद्य पदार्थ हैं क्‍या?

आर्गेनिक खाद्य पदार्थ खेती और पशुपालन के उस तरीके से प्राप्‍त किए जाते हैं जिसमें रासायनिक और आधुनिक उर्वरकों का इस्‍तेमाल बिलकुल नहीं किया जाता। इस खेती में फसल चक्र को बेहतर बनाके, हरी प्राकृतिक खाद और प्राकृतिक कंपोस्‍ट का इस्‍तेमाल करके जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखी जाती है। इसी प्रकार इस तरह के पशुपालन में पशुओं को भी रसायनिक भोजन या दवाएं कम से कम दी जाती हैं।

दरअसल देश में साठ और सत्‍तर के दशक में खाद्यान की भारी मांग के कारण हरित क्रांति के नाम पर रासायनिक खादों का इस्‍तेमाल प्रचूरता से शुरू किया गया। इसके कारण उपज तो बढ़ी भोजन के जरिये वो रसायन हमारे शरीर में भी पहुंचे। उसका नुकसान हमारे शरीर को उठाना पड़ रहा है। इसी को ध्‍यान में रखकर अब धीरे धीरे लोग वापस जैविक खेती की ओर मुड़ रहे हैं। आर्गेनिक खेती में खरपतवार को कुदरती तरीकों से खत्म किया जाता है। साथ ही कीड़े-मकोड़ों को काबू में रखने के लिए भी कुदरती तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

आर्गेनिक फूड के असर को लेकर हुए कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि आर्गेनिक भोजन से मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक असरदार होते हैं। इसकी वजह यह हो सकती है कि फलों और सब्जियों के सही असर के लिए जो विटामिन, खनिज और आर्गेनिक तत्व जरूरी होते हैं, वे कृत्रिम रसायनों से प्रभावित नहीं होते। इससे कैंसर, हृदयरोग, असमय झुर्रियों, दृष्टि संबधी समस्याओं आदि की रोकथाम में मदद मिलती है। आर्गेनिक भोजन से आपको एंटीऑक्सीडेंट्स की जरूरी मात्रा मिलती है और आप विषैले धातुओं के संपर्क में कम आते हैं।

कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से बचाव

पारंपरिक पदार्थों की बजाय आर्गेनिक चुनने में उपभोक्ताओं का एक बड़ा दावा यह रहता है कि उसमें कीटनाशकों की मौजूदगी नहीं होती। अभी स्थिति ये है कि फसलों को कीड़े-मकोड़ों से बचाने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता रहा है, जिनमें आर्गेनोफॉस्फोरस जैसे रसायन होते हैं। यह एक अप्राकृतिक खनिज मिश्रण होता है, जिसकी इंसान को जरूरत नहीं होती। कीटनाशक युक्त भोजन खाने से हमारे शरीर में यह तत्व प्रचुर मात्रा में आ जाता है। आर्गेनोफॉस्फोरस को कई विकास संबंधी समस्याओं जैसे ऑटिज्म और एडीएचडी के लिए जिम्मेदार माना गया है।

दिल रहे स्वस्थ

प्राकृतिक रूप से पाले गए पशुओं से प्राप्त पशु उत्पादों में सीएलए की मात्रा अधिक पाई जाती है। सीएलए हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक फैटी एसिड है जो दिल को बीमारियों से सुरक्षा देता है। यह प्राकृतिक तरीके से पाले गए पशुओं के मांस में अधिक मात्रा में पाया जाता है।

प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

कीटनाशकों के प्रभाव से मुक्त प्राकृतिक रूप से उगाए गए फलों-सब्जियों आदि के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

एंटीबायोटिक्स

बीमार पड़ते ही लोगों को एंटीबायोटिक्स की शरण में जाना पड़ता है। मगर पारंपरिक खाद्य स्रोतों, खास तौर पर मांस के लिए पाले जाने वाले पशुओं में भी एंटीबायोटिक्स का प्रयोग किया जाता है। एंटीबायोटिक्स की यह अतिरिक्त मात्रा ओवरडोज से हमारे इम्युन सिस्टम को कमजोर बनाती है। आर्गेनिक भोजन और पशु उत्पादों में एंटीबायोटिक्स का प्रयोग नहीं किया जाता।

पर्यावरण की सेहत के लिए बेहतर

चूंकि आर्गेनिक खेती में हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता, उससे वायु और जल प्रदूषण सहित हर प्रकार के प्रदूषण में कमी आती है। इससे हम आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और सेहतमंद दुनिया सुनिश्चित कर सकते हैं।

स्वाद से भरपूर

इसके अलावा अक्सर आर्गेनिक खाद्य पदार्थों को स्थानीय बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिससे बाजार में ताजा उत्पाद की उपलब्धता बढ़ती है। इसी वजह से इसका स्वाद भी फ्रोजन और दूर से लाए गए पदार्थों की तुलना में बेहतर होता है।

अब इसके कुछ नकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान देते हैं:

कम उपलब्धता – आर्गेनिक खाद्य पदार्थों की एक नकारात्मक चीज यह है कि बाजार में उसकी उपलब्धता बहुत कम है। अब यह स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है मगर अभी भी आर्गेनिक पदार्थ बहुत आसानी से उपलब्ध नहीं होते।

महंगी – आर्गेनिक खाद्य पदार्थों के बारे में सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वे पारंपरिक खाद्य पदार्थों के मुकाबले महंगी होती हैं।

कम टिकाऊ – आर्गेनिक पदार्थों में प्रिजर्वेटिव नहीं होते, इसलिए उनके जल्दी खराब होने का खतरा रहता है। उनकी सेल्फ लाइफ कम होती है।

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